शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अधिकारियों को नवीनतम योजना प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
अमरूत मिशन के तहत शिमला व कुल्लू जिला को 304 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत 86 करोड़ 40 लाख रुपये विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च कर कार्य पूर्ण किया जा रहा है तथा शेष परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। यह बात आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शहरी विकास विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने शहरी क्षेत्रों के उत्थान के लिए शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को नवीनतम योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि आगामी बजट में उसके लिए बजट प्रावधान कर कार्य रूप प्रदान किया जा सके।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं को निर्धारित छः महीने अथवा एक वर्ष के लक्ष्य के भीतर पूर्ण करने के प्रयास किए जाए ताकि लोगों को इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा शहरी विकास के उत्थान के लिए अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं। बढ़ते शहरीकरण के दृष्टि से काफी समस्याओं के चलते उनका निराकरण भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जहां हिमाचल प्रदेश में दो काॅरपोरेशन हुआ करती थी वह अब विभाग द्वारा अच्छे कार्यों के बदौलत पांच कर दी गई है, वहीं 54 शहरी स्थानीय निकाय हुआ करती थी, जो अब 64 से भी ज्यादा हो चुकी है। इसके साथ-साथ सात नई नगर पंचायतों का भी गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ स्मार्ट सिटी धर्मशाला तथा शिमला का कार्य भी तीव्र गति से किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास सुविधा उपलब्ध करवाने में सक्षम होगी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 1800 आवास बनाने का प्रस्ताव था जिसके अंतर्गत 1000 घरों का निर्माण किया जा चुका है।
प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को मनरेगा के अनुरूप क्रियान्वित कर 3 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को इस योजना के तहत और लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरी निकायों द्वारा इस योजना के तहत बजट का प्रावधान किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 1200 लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत एक करोड़ रुपये व्यय कर 903 लोगों को लाभान्वित किया गया है। शिमला में 220 लोगों को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया गया है जबकि 100 आवेदन विचाराधीन है। उन्होंने शिमला स्मार्ट सिटी योजना की समीक्षा करते हुए बताया कि शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में इस योजना के तहत किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों का कार्य प्रगति पर है, जिसे आगामी वर्ष तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बैठक में अटल श्रेष्ठ शहर योजना (अमरूत), प्रधानमंत्री आवास योजना, राजीव आवास योजना, दीन दयाल अंतोदय, प्रधानमंत्री स्ट्रीट बैंडर आत्मनिर्भर निधि, स्वच्छ भारत मिशन शहरी, मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना, स्मार्ट सिटी आदि विभिन्न योजनाआंे की समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं की समीक्षा 15 दिन के भीतर उनके द्वारा की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उन्हें तय समय में पूरा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन ठेकेदारों को कार्य पूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह तय समय में इसे पूरा करें अन्यथा कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इस अवसर पर शहरी विकास विभाग सचिव रजनीश, निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के.के. सरोच, प्रबंध निदेशक स्मार्ट सिटी आबिद हुसैन, शहरी विकास विभाग निदेशक राम कुमार गौतम तथा नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली उपस्थित थे।