फिर लौटने लगी ऐतिहासिक गेयटी थिएटर की रौनक,18 से 20 नवम्बर तक रंगमंडल कानपुर करेगा चार अलग – अलग नाटकों का मंचन
कोरोना काल के चलते लंबे अरसे तक बंद रही शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर की रौनक एक बार फिर लौट आई है । इस ऐतिहासिक को गेयटी थिएटर के साथ कानपुर की अनुकृति रंगमंडल का बीते कई वर्षों से गहरा नाता जुड़ा हुआ है और इसी रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए कल यानी 18 नवंबर से 20 नवंबर तक गेटिंग महोत्सव के आयोजन के दौरान यहां चार अलग-अलग नाटकों का मंचन किया जाएगा इसमें प्रख्यात निर्देशक डॉ ओमेंद्र कुमार ,निशा वर्मा , प्रवीण अरोड़ा और केहर सिंह ठाकुर द्वारा निर्देशित नाटकों का मंचन किया जाएगा अनुकृति रंगमंडल कानपुर और भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में इस तीन दिवसीय नाट्य उत्सव में चार नाटकों का मंचन होगा। इनमें से 18 नवंबर की शाम 5:30 बजे निशा वर्मा के निर्देशन में जयवंत दलवी के लिखे नाटक “पुरुष” का मंचन किया जाएगा यह अनुकृति रंगमंडल कानपुर की प्रस्तुति होगी । 19 नवंबर को शाम 4:00 बजे अनुकृति रंगमंडल की ही प्रस्तुति में विष्णु वामन शिरवाडकर द्वारा लिखित नाटक “मुख्यमंत्री ” का मंचन होगा जिसका निर्देशन प्रख्यात निर्देशक डॉ ओमेंद्र कुमार द्वारा किया गया है । 19 नवंबर को पंकज सोनी का लिखा “जहर” प्रवीण अरोड़ा के निर्देशन में दिखाया जाएगा जबकि 20 नवंबर को रंगमंच और सिने जगत के मशहूर कलाकार व हिमाचल प्रदेश के जाने-माने अभिनेता मनोहर सिंह पर आधारित नाटक ” मैं मनोहर सिंह हूँ ” का मंचन होगा जिस के निर्देशन का जिम्मा केहर सिंह ठाकुर ने उठाया है। इस नाट्य महोत्सव के सफल आयोजन के लिए हिमाचल के रंगकर्मी और निर्देशक केदार ठाकुर अनुकृति रंगमंडल कानपुर को अपना सहयोग दे रहे हैं । उन्होंने शिमला के स्थानीय लोगों व यहाँ घूमने आए पर्यटकों से रंगमंच के उत्थान के लिए नाटकों की प्रस्तुति देखने का आह्वान किया है ताकि कला व कलाकार को उचित सम्मान व दर्जा मिल सके । शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर बीते कई दशकों से रंग कर्मियों और नाटक प्रेमियों का मुख्य केंद्र रहा है । हालांकि कोरोना काल के चलते लंबे समय से यहां नाटक नहीं हुए हैं और जो नाटक हुए भी है उनमें दर्शकों का टोटा ही रहा अब देखना यह है कि अब तक दर्शकों की पहली पसंद रहे डॉ ओमेंद्र द्वारा निर्देशित नाटकों में इस बार कितनी भीड़ उमड़ती है।