कांग्रेस ने ऊपरी शिमला में बदहाल सड़कों के कारण हो रहे सड़क हादसों पर जताई चिंता, सरकार से की सड़कों की हालत सुधारने की अपील
कांग्रेस ने ऊपरी शिमला में सड़कों की बदहाली से हो रहे सड़क हादसों पर चिंता जताई है। कांग्रेस के संगठन महामंत्री रजनीश किमटा ने ऊपरी शिमला में हो रहे हादसों के लिए प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में सड़कों की हालात बदतर बनी हुई है। सड़कों पर गड्ढे बने हुए हैं और टारिंग उखड़ गई है। इस पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में इन दिनो सेब का सीजन चल रहा है, जिससे बागवानों को मुश्किलें हो रही हैं। सेब की गाडियां इन सड़कों पर चलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन प्रशासन का ध्यान सड़कों की ओर नहीं है। इससे आए दिन हादसे इन सड़कों पर हो रहे हैं।
बीते दिनों छराबड़ा के पास भी इसी वजह से दुखद हादसा हुआ , जिसमें सेब से लदा ट्रक एक कार पर पलट गया। इस हादसे में तीन लोगों किरपा राम,सूरत राम व प्रताप सिंह की दुखद मौत हुई। उन्होंने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
रजनीश किमटा ने कहा है कि छराबड़ा से ढली के बीच ऐसे की दुखद हादसे ही चुके है जो गाड़ियों के ब्रेकफेल होने की बजह रही है।इसका मुख्य कारण सेब से लदे ट्रकों के ब्रेक गर्म होने रहता है जो लोड की बजह से गर्म होकर ब्रेक छोड़ देती है।उन्होंने कहा है कि अगर सेब से लदे ट्रकों को कुछ समय के लिये छराबड़ा से पहले किसी उपयुक्त स्थान पर खड़ा कर दिया जाता है तो किसी भी सम्भावित दुर्घटना से बचा जा सकता है।उन्होंने प्रशासन से तत्काल इन हादसों पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।
किमटा ने कहा कि एक ओर तो सड़कें खराब हैं, वहीं प्रशासन ने ट्रैफिक सुचारू रखने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाए हैं। बाहरी राज्यों से आ रहे ट्रक ड्राइवरों को यहां सड़कों की स्थिति का अंदाजा नहीं रहता और न ही इनको अवगत करवाया जाता है। इससे कारण भी ये सड़क हादसे हो रहे हैं। यही नहीं सड़कों की खराब हालात से अन्य वाहन भी हादसों के शिकार हो रहे हैं। सरकार और प्रशासन इन पर खामोश है।
रजनीश किमटा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सड़कों की हालात सुधारने के लिए तत्काल प्रशासन को आदेश दें। जिससे सेब इलाकों से फसल लोग आसानी से मार्केट तक पहुंचा सके। वहीं आए दिन हो रहे सड़क हादसों पर रोक लगाकर कीमतें जानें बचाई जा सकें।