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सुक्खू सरकार का एक और कमाल, अपना राजस्व बढ़ाने के लिए लोगों को एक बार फिर धकेला लॉटरी के मकडज़ाल में, अबकि बार न जाने कितनों के आशियाने उजड़ेंगे, एक नज़र प्रदेश मंत्रिमंडल के अन्य निर्णयों पर

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज शिमला में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडल ने राज्य में लॉटरी संचालन शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की जिससे राज्य सरकार के राजस्व में भले ही करोड़ों की बढ़ौतरी हो जाए लेकिन इससे एक बार फिर हज़ारों हज़ार उजड़ना तय है। सरकार का प्रदेश में लॉटरी शुरू करने का फैसला किसी के गले नहीं उतर रहा ।क्योंकि ये कलमुँही पहले भी कई घर बर्बाद कर चुकी है और इस डायन के फिर से दस्तक देने से लोगों खासकर महिलाओं के माथे पर चिंता की लकीरें उकेर दी हैं ।

मंत्रिमंडल ने आगामी शहरी निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके दृष्टिगत आरक्षण रोस्टर को अन्तिम रूप प्रदान करने से पहले पिछड़े वर्ग की आबादी का सही डेटा एकत्रित करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूरी दी गई है।
मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 18 अगस्त से 2 सितम्बर, 2025 तक आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया।
बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग द्वारा आयोजित टीजीटी और जेबीटी पदों के लिए परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में दो वर्ष की एकमुश्त छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने अनाथ बच्चों के लिए आइटीआई, पॉलटैक्निक्स, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों सहित सभी सरकारी, सरकार द्वारा वित्त पोषित और निजी तकनीकी संस्थानों में प्रति पाठ्यक्रम एक सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया।
प्रदेश के दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मंत्रिमंडल ने 290 अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में हिमाचल प्रदेश सचिवालय में विधि अधिकारी (अंग्रेजी) के पांच और विधि अधिकारी (हिन्दी) के दो पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने भरमौर, पांगी और स्पिति मंे एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना के कार्यालयों में अनुसंधान अधिकारी के तीन पद सृजित कर इन्हें भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
प्रदेश में हाल ही में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण हुए व्यापक क्षति के दृष्टिगत मंत्रिमंडल ने राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित परिवारों को किराए के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को पांच हजार रुपये प्रति माह और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से अधिकतम छः माह की अवधि के लिए किराया सहायता प्रदान की जाएगी।
विनिर्माण ईकाइयों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रिमंडल ने प्रत्येक डिस्टिलरी, बॉटलिंग और ब्रुअरी संयंत्रों में दो होमगार्ड तैनात करने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक संयंत्र में एक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई। एक निर्धारित अवधि के बाद अधिकारी का उसी जिले में अनिवार्य रूप से रोटेशन किया जाएगा।
बैठक में जिला कांगड़ा में दस लघु खनिज खदानों की नीलामी और जिला बिलासपुर में 11 खदानों की पुर्ननीलामी को मंजूरी दी गई। इससे प्रदेश के राजस्व मंे 18.82 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे अवैध खनन पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
बैठक में 50 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाओं पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद की स्थापना को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने निःशुल्क या रियायती यात्रा सुविधाओं को सुव्यवस्थित करने और उन पर निगरानी रखने के लिए, हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) को पात्र लाभार्थियों को ‘हिम बस कार्ड’ जारी करने की अनुमति दी है।
हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामलों के निपटान की योजना-2025 के दूसरे चरण को शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना एक सितंबर, 2025 से तीन महीने तक लागू रहेगी और इसका उद्देश्य लगभग 30,000 लंबित मामलों का निपटारा करना है। इस योजना में वित्त वर्ष 2020दृ21 तक के पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य मूल्य वर्धित कर (वैट) से संबंधित मामले भी शामिल किए जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने नियमित अपंजीकृत निर्माण उपकरण वाहनों को पंजीकृत करने के लिए वन टाईम लैगेसी पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस नीति के अंतर्गत वाहन मालिक एकमुश्त टैक्स और बकाया जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि जमा कर अपने वाहनों का पंजीकरण करवा सकेंगे। यह नीति अधिसूचना की तिथि से तीन माह तक लागू रहेगी। एक अनुमान के अनुसार, राज्य में ऐसे लगभग 2795 वाहन हैं जो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की उन सिफारिशों को स्वीकृति दी गई, जिनका उद्देश्य खाली पड़ी सरकारी भवनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। समिति ने सिफारिश की है कि विभिन्न विभागों के सभी खाली सरकारी भवनों का चरणबद्ध तरीके से उपयोग किया जाए। इसके साथ ही एक नोडल एजेंसी नामित करने की भी सिफारिश की गई है, जो ऐसे विभागों, बोर्डों और निगमों को कार्यस्थल स्थापित करने के लिए स्थान उपलब्ध करवाएगी।
मंत्रिमंडल ने सोलन नगर निगम क्षेत्र में सभी सेवा प्रदाताओं की जल शुल्क दरों को जल शक्ति विभाग की दरों के समान करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से सोलन नगर निगम के हजारों जल उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
बैठक में जिला हमीरपुर के नादौन नगर परिषद क्षेत्र से वार्ड नंबर-8 के अमतर स्टेडियम और पंचायत घर बेला क्षेत्र को बाहर करने का निर्णय लिया।

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