हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का कोविड समर्पित निजी अस्पतालों में होगा निशुल्क उपचार
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 मरीजों की संख्या में वृद्धि के दृष्टिगत राज्य सरकार ने हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी कोविड-19 रोगियों को कोविड के लिए समर्पित पंजीकृत निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह बात उन्होंने आज यहां राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और कोविड-19 प्रबन्धन कमेटियों के सदस्यों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत 4.16 लाख परिवार और राज्य सरकार की हिमकेयर योजना के तहत 5.13 लाख परिवार पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी परिवार अब कोविड-19 के निःशुल्क उपचार के लिए पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में आॅक्सीजन भंडारण क्षमता को लगभग 25 मीट्रिक टन बढ़ाने के अलावा पीएसए आॅक्सीजन संयंत्रों को कार्यशील करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड रोगियों के लिए उपलब्ध 3080 बिस्तरों की क्षमता को अगले कुछ दिनों में 1100 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आॅक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता 2505 है और यह चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश सरकार ने समाज के कुछ वर्गों का उनकी डयूटी के आधार पर प्राथमिकता से टीकाकरण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के चालकों व परिचालकों, निजी ट्रकों और बसों के चालकों और परिचालकों, ईंधन पम्प संचालकों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य दुकानों के धारकों, कोविड डयूटी पर अध्यापकों, बैंकों व वित्तीय सेवाओं के स्टाफ, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के स्टाफ, कैमिस्ट और लोकमित्र केन्द्रों के संचालकों का प्राथमिकता के आधार पर कोविड टीकाकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लिए टीकाकरण पंजीकरण की प्रक्रिया पहले से ही आरम्भ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य को इस आयुवर्ग के लिए 1.07 लाख वैक्सीन खुराकें आवंटित हुई हैं और टीकाकरण इस माह की 17 तारीख से आरम्भ होगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण पंजीकरण के समय पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड रोगियों को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने और वाहन से वापिस घर छोड़ने के लिए जिला स्तर पर समर्पित जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम्बुलेंस में पर्याप्त आॅक्सीजन और अन्य उपकरण हो ताकि अस्पताल ले जाए जा रहे मरीज को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न ओद्यौगिक घरानों से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री कोविड फंड में उदारतापूर्वक योगदान करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि राज्य में उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग और संसाधनों को जुटाने की भी आवश्कता है।
लाॅजिस्टिक समिति के संयोजक अरिंदम चैधरी, रिसोर्स मोबलाइजेशन समिति के संयोजक आबिद हुसैन सादिक, कोविड-19 मरीज व एम्बुलेंस प्रबंधक समिति के संयोजक डाॅ. राजेश ठाकुर और आईईसी समिति के संयोजक डाॅ. निपुण जिंदल द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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