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शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के हीरानगर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 6 करोड़ 67 लाख रुपए की लागत से बने विशेष बच्चों के लिए पहले आवासीय विद्यालय का किया शुभारंभ,कहा-आगामी बजट में विशेष बच्चों के कल्याण के लिए लाई जाएगी नई योजना

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के हीरानगर में 6 करोड़ 67 लाख रूपये की लागत से निर्मित बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के विशेष आवासीय विद्यालय का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश का पहला ऐसा विशेष आवासीय स्कूल है जो 6-18 वर्ष की आयु के बौद्धिक रूप दिव्यांग बच्चों के लिए निर्मित किया गया है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क गुणात्मक शैक्षणिक और व्यवसायिक शिक्षा सहित आवासीय सुविधाओं से युक्त यह प्रदेश का पहला संस्थान है। स्कूल ब्लॉक में आधुनिक सुविधाओं वाली 16 कक्षाओं सहित कम्प्यूटर लैब, संगीत कक्ष, एक बहुउद्देशीय हॉल, हॉस्टल ब्लॉक में 50 बच्चों के लिए छात्रावास के साथ-साथ चिकित्सा कक्ष तथा कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण हिमाचल प्रदेश निराश्रित बच्चों की उचित देखभाल एवं शिक्षा के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू कर उन्हें ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की पढ़ाई के खर्च के अतिरिक्त प्रदेश सरकार उन्हें जेब खर्च के लिए 4 हजार रूपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत गत दो वर्षों में प्रदेश में 38.50 करोड़ रूपये के लाभ प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार के पहले बजट में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की गई। दूसरे बजट में प्रदेश में विधवाओं के 23 हजार बच्चों को शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा करने का प्रावधान किया गया है। तीसरे में बजट में बौद्धिक रुप से दिव्यांग बच्चों के लिए विस्तृत योजना का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए इन बच्चों के अध्यापकों से भी चर्चा की जाएगी, ताकि उनकी जरूरतों का समावेश योजना में किया जा सके।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान है और इसी को देखते हुए जिला सोलन के कंडाघाट में नौ हजार दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य दो वर्षों में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगों को शिक्षित व प्रशिक्षित कर समाज में सम्मानपूर्ण स्थान दिलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार जिला मंडी के सुंदरनगर और कांगड़ा जिला के लुथान में 92.33 करोड़ रुपए की लागत से 400 आश्रितों की आवासीय क्षमता के मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसरों का निर्माण कर रही है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (डॉ.) कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार इस स्कूल में विशेष बच्चों को अच्छे वातावरण में शिक्षा प्रदान करेगी, ताकि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके और वह समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों को 1150-1700 रुपए मासिक भत्ता प्रदान किया जा रहा है।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पधारने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज इस स्कूल का शुभारंभ किया गया है और सरकार यहां पर विशेष बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि इस विशेष स्कूल में हर क्लास स्मार्ट होगी और फर्नीचर की भी उचित सुविधा प्रदान की जाएगी।
पूर्व विधायक सोहन लाल व कांग्रेस नेता चंद्रशेखर, सचिव आशीष सिंघमार, उपायुक्त अनुपम कश्यप, निदेशक इसोमसा किरण भड़ाना तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थेे।

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