भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की रहस्यमयी मौत मामले में कांग्रेसी विधायकों का सी बी आई जांच की मांग करते सदन से वॉक आउट ,भाजपा सदस्यों की चुप्पी
मॉनसून सत्र के दूसरे दिन आज विधानसभा में कांग्रेस के विधायक जगत सिंह नेगी,सुन्दर ठाकुर और नन्द लाल ने प्रश्नकाल शुरू होते ही नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग रखी। उन्होंने मंडी से भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की रहस्यमई मौत पर सरकार की ओर से सीबीआई जांच की मांग करवाने की बात कही लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने साफ किया कि नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव केवल वर्तमान में घटित किसी भी घटना को लेकर लाया जा सकता है लेकिन यह मामला करीब 4 महीने पहले का है ऐसे में यह नियम 67 की परिधि में नहीं आता और उन्होंने कांग्रेसी विधायकों की मांग को निरस्त कर दिया। इस पर कांग्रेस के विधायक बिफर गए और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए उसके बाद भी जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे नारेबाजी करते हुए वॉक आउट कर गए।
वॉक आउट के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के विधायक नंदलाल ने कहा कि 17 मार्च को मंडी से भाजपा रहे सांसद रामस्वरूप शर्मा की रहस्यमयी स्थिति में मौत हुई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अब तक ना तो कॉल डिटेल ला पाई और न ही फॉरेंसिक लैब की डिटेल । उन्होंने कहा कि कांग्रेसी विधायकों का सिर्फ इतना कहना है कि सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करें । विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि फिल्म कलाकार सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर पूरी दुनियां में बवाल उठ गया था लेकिन एक जनप्रतिनिधि और सांसद की रहस्यमयी मौत की सी बी आई जांच तक नहीं करवाई जा रही । जो दुर्भाग्यपूर्ण है ।
कांग्रेस के विधायकों द्वारा सीबीआई की जांच रखने की मांग पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वह स्वयं रामस्वरूप शर्मा के परिवार जनों से मिले थे और उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर कभी भी सीबीआई जांच की मांग नहीं रखी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की क्राइम ब्रांच इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है और मामला दिल्ली में घटित होने के चलते यह प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है, लेकिन यदि उनका परिवार सीबीआई जांच की मांग रखता है तो वह इस विषय में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने को तैयार है।
सांसद रामस्वरूप शर्मा की रहस्यमयी मौत पर विधानसभा में अजब स्थिति देखने को मिली । इस मामले में कांग्रेसी विधायक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच प्रक्रिया से नाखुश नज़र आए और उन्होंने सी बी आई जांच की मांग करवाने का सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया । और जब नियम 67 के तहत चर्चा का समय नहीं मिला तो वे वॉक आउट तक कर गए । वहीं दूसरी ओर भाजपा का कोई भी सदस्य कांग्रेस की इस मांग से इत्तेफाक रखता नज़र नहीं आया । कांग्रेसी विधायकों की ओर से सी बी आई जांच करवाने की मांग और भाजपा की चुप्पी इस बात के संकेत तो दे गई कि उनकी मौत के पीछे का सच भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस के हक़ का होगा । अब इसके पीछे का असल सच तो जांच के बाद ही सामने आएगा लेकिन फ़िलहाल सदन के भीतर दोनों पार्टियों के बीच का विरोधाभास लोगों के मन में कोतूहल पैदा जरूर कर गया। शिमला से टुडे न्यूज़ हंट के लिए राकेश शर्मा की रिपोर्ट।