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फर्जी डिग्री के बाद प्रदेश शिक्षा विभाग पर लगे किताब खरीद घोटाले के गम्भीर आरोप ,देशभर के प्रकाशक शिमला विधानसभा का करेंगे घेराव

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ऐसा लगता है कि प्रदेश शिक्षा विभाग पर साढेसात्ति चल रही है। फर्जी डिग्री मामले में देशभर में अपनी किरकिरी करवा चुके शिक्षा विभाग पर अब किताब खरीद में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं शिक्षा विभाग के द्वारा किताब खरीदी की अनियमितता के विरोध में देश के कोने-कोने से प्रकाशक 04 अगस्त को हिमाचल विधानसभा का घेराव करने के लिए शिमला में एकत्रित होने लगे है –

विदित हो कि हिमाचल समग्र शिक्षा अभियान में किताब खरीदी में ढेर सारी अनियमितताओं को लेकर देश भर के प्रकाशकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है !
पिछले दो-माह से इस विषय को लेकर प्रकाशकों और शिक्षा विभाग में गतिरोध बना हुआ है !

गौरतलब है कि उत्तर-मध्य भारत हिन्दी प्रकाशक संघ और अखिल भारतीय हिन्दी प्रकाशक संघ के संयुक्त आव्हान पर देश भर के प्रकाशक शिमला में एकत्रित होने लगे है !

आज प्रकाशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे छत्तीसगढ रायपुर के प्रकाशक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में विभिन्न राजनीतिक नेताओं और हिमाचल के स्थानीय लेखकों के साथ मुलाकात की और शिक्षा विभाग के विगत कई वर्षों से चल रहीआर्थिक अनियमितताओं की जानकारी दी !

दिल्ली से आए प्रकाशक संजय शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने एक कूरियर कंपनी के पते पर दर्ज आठ फर्मो को कार्य देने की तैय्यारी की थी । काबिले गौर है कि इस प्रकार एक ही पते पर कई फर्म दर्ज है जिसका प्रमाण समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय के संचालक व शिक्षा सचिव को उपलब्ध कराया गया है। मगर विभाग के कान में जू तक नही रेंग रही है और मंत्री गोविन्द ठाकुर इस प्रकार की किसी भी शिकायत को गम्भीरतापूर्वक ले नही रहे है इसलिए अब विधानसभा के सामने देश भर के जाने-माने प्रकाशक अपनी आवाज बुलंद करेंगे!

इस आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे प्रकाशक सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि हम प्रकाशक किताब खरीदी पर 35 प्रतिशत का डिस्काउंट देने को तैय्यार है क्योकि यह देश का सर्वमान्य नियम है मगर हिमाचल प्रदेश का शिक्षा विभाग हमसे मात्र 10 प्रतिशत का डिस्काउंट चाहता है, इसी से इस विभाग की नीयत समझी जा सकती है ! उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का शिक्षा विभाग इस दिशा में उचित पहल नहीं करता है तो वे इस आन्दोलन को चरणबद्ध ढंग से और अधिक तीव्र करेंगे !

बहरहाल देश के कोने-कोने से प्रकाशक शिमला में एकत्रित होने से देश भर के लेखकों और बुद्धिजीवियों के मध्य सरगर्मी बढ़ गयी है वही सरकार के कुछ नुमाइंदे इस प्रयास में है कि मामला विधानसभा घेराव तक न पहुंचे !

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