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पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता जयराम ने मंडी में आई प्राकृतिक आपदा को गम्भीरता से न लेने के राज्य सरकार पर लगाए गम्भीर आरोप, कहा- उनका गृह ज़िला होने के कारण की जा रही है अनदेखी

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भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मंडी आपदा को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार संवेदनशील एवं गंभीर नहीं है। जयराम ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जो अधिशाषी अभियंता धरातल पर अच्छा काम कर रहा था उसको कुछ नेताओं के दबाव में ट्रांसफर कर दिया गया, अभी तक मंडी जिला में कोई भी वरिष्ठ अधिकारी प्रदेश सरकार की ओर से नहीं लगाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां-जहां आपदा एवं त्रासदी आई उन सभी क्षेत्रों को पटवारियों के हवाले छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 9 दिन बाद त्रासदी ग्रस्त क्षेत्रों में आए पर केवल एक करोड रुपए की घोषणा करके चले गए पर नुकसान तो 500 करोड़ का हुआ। सवाल यह उठता है कि अभी तक मुख्यमंत्री जो की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं उन्होंने स्पेशल पैकेज की घोषणा क्यों नहीं की ? प्रदेश के स्पेशल पैकेज में वह एक घर क्षतिग्रस्त होने के लिए 7 लाख की घोषणा करते हैं जिसमें से प्रदेश को केवल 4 लाख डालने पड़ते हैं और 3 लाख तो केंद्र डालता है, पर इसकी अभी तक कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की गई मुख्यमंत्री को इसकी वजह बतानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि फौरी राहत के नाम पर संकट से ग्रस्त जनता के साथ मजाक हुआ है अभी तक केवल 2500 रु दिए गए हैं जो कि ना के बराबर है। इससे ज्यादा मदद तो सामाजिक संस्थाओं एवं भारतीय जनता पार्टी ने कर ली है, 7 करोड़ से अधिक की सेवा राशि एवं वस्तुएं पार्टी और सामाजिक संस्थाओं द्वारा दी जा चुकी है।

त्रासदी जयराम ठाकुर के क्षेत्र में आई है इसलिए सरकार मदद नहीं कर रही है, मंडी से कार्यालय शिफ्ट होने की बात कर रही सरकार ।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि
त्रासदी जयराम ठाकुर के क्षेत्र में आई है इसलिए सरकार मदद नहीं कर रही है। हाल ही में उन्हें पंचायती राज मंत्री का टेलीफोन आया और उन्होंने कहा कि मंडी में पंचायती राज इंस्टिट्यूट को शिफ्ट करना चाहिए। जयराम ठाकुर ने दावा करते हुए कहा कि इस इंस्टीट्यूट को त्रासदी में आज तक आंच भी नहीं आई है तो इसको शिफ्ट करने की क्या आवश्यकता पड़ गई, इसी प्रकार हॉर्टिकल्चर कॉलेज जिसके लिए भाजपा की पूर्व सरकार ने 10 करोड रुपए आवंटित किए थे और फॉरेस्ट की क्लीयरेंस भी करवा दी गई थी यह कॉलेज 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थापित होना था और अगर यह बिल्डिंग बन गई होती तो आज इसमें काफी लोगों को शेल्टर दिया जा सकता था पर मुख्यमंत्री ने इसके लिए आवंटित राशि भी वापस मंगवा ली।
जयराम ठाकुर ने सवाल किया कि अगर शिमला के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण नुकसान हो गया तो क्या आप प्रदेश की राजधानी ही बदल देंगे ?

जयराम ठाकुर ने कहा कि आप भूमि दो उसे पर सामुदायिक भवन बना यह समय की आवश्यकता है इसी प्रकार से इस भवन के साथ-साथ सामुदायिक शौचालय एवं किचन की आवश्यकता है। स्कूल खुल गए हैं और स्कूलों में रह रहे लोगों को भी वहां से भेजा जा रहा है यह कठिन परिस्थितियों है। पर सरकार राहत की मशीनरी भेज नहीं रही है, जैसे जेसीबी पोकलेन। पर कितनी जेसीबी इन क्षेत्रों में काम कर रही है उसको गिनने का काम कर रही है यह सरकार।

जय राम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को त्रासदी के समय पॉलीटिकल माइलेज लेने की आवश्यकता नहीं है। सीएम ने कहा था कि जय राम ठाकुर को 10 दिन के लिए मंडी बैठना चाहिए पर मैं उनको बताना चाहूंगा कि मैं 20 दिन से मंडी में ही हूं। हमने इस विधानसभा क्षेत्र को बनाने के लिए जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा लगाया है यहां की तबाही का दर्द समझते हैं। जयराम ठाकुर ने जगत सिंह नेगी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजस्व मंत्री द्वारा दिए गए सभी ब्यान गैरजिम्मेदार है। इस मंत्री ने तो अभी तक ना क्षेत्र के बारे में कोई चिंता व्यक्त करी ना इस क्षेत्र के बारे में कोई बात करी, त्रासदी ग्रस्त क्षेत्र को अपने हाल पर ही छोड़ दिया, मुख्यमंत्री को इस मंत्री बारे कड़ा संज्ञान लेना चाहिए।

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