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निश्चित समयावधि में नहीं निपटाए राजस्व सम्बन्धी मामले तो अधिकारियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई, विपक्ष के विरोध के बीच हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व संशोधन विधेयक पारित

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शनिवार को विपक्ष के विरोध के बीच हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व संशोधन विधेयक पारित हो गया। इस विधेयक के पारित हो जाने से अब राजस्व अधिकारियों को एक निर्धारित समय अवधि के भीतर लोगों के कार्यों को निपटाना होगा। ऐसा नहीं करने वाले राजस्व अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। इसमें संबंधित राजस्व अधिकारी की सीआर में नकारात्मक टिप्पणी भी शामिल है। इस विधेयक के अनुसार किसी भी राजस्व अधिकारी को अब बंदोबस्त, निशानदेही, विभाजन और इस तरह के अन्य कार्य अधिकतम 9 महीने के भीतर निपटाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में इस समय निशानदेही के 27 हजार 127, बंदोबस्त के 22 हजार 786 और विभाजन के 25 हजार 705 मामले लंबित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजस्व मामलों की भारी लंबित संख्या पर गहन विचार-विर्मश करने के बाद सरकार ने इन मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए सरकार ने ये संशोधन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में इस संशोधन पर विचार करने के लिए सरकार ने आम लोगों की राय व सुझाव लेने के अलावा पांच कमेटियां भी बनाई थी। इसके उपरांत ही यह संशोधन लाया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के राजस्व संबंधी लंबे समय तक लंबित रहने के चलते न्याय नहीं हो रहा था। सरकार ने ऐसे लोगों के साथ न्याय की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ही ये विधेयक लाया और राजस्व अधिकारियों को अपना काम निपटाने के लिए 9 महीने का समय काफी है।
इसी मुद्दे पर सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भू-राजस्व कानून में संशोधन के लिए सरकार ने 6 बैठकें की। उन्होंने कहा कि इस कानून में आजादी के 69 साल बाद संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन किसी एक व्यक्ति के हित्तों को ध्यान में रखते हुए नहीं लाया गया है बल्कि इससे प्रदेश के लाखों लोगों को लाभ होगा। उन्होंने दावा किया कि इस संशोधन के कानून बन जाने से राजस्व विभाग में कार्यसंस्कृति में सुधार होगा। अन्यथा पुराने ढर्रे पर ही काम चलता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक साल तक कानून में किए गए संशोधन के परिणाम देखेगी और यदि जरूरी हुआ तो इसमें भविष्य में और भी संशोधन किया जाएगा।

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