भयानक रही बीती रात, गर्जना और आसमानी बिजली ने उड़ाई लोगों की नींद, शिमला में जगह जगह पेड़ गिरने और मलबा भरने के अलावा नव बहार का ढाँक भी गिरा
बीती रात प्रदेश खासकर शिमला ज़िला के लोगों के लिए काफी भयावह और दिलदहलाने वाली रही । पूरी रात होती रही भयानक गर्जना और आसमान से चमकती बिजली ने लोगों की नींद उड़ा दी । लोग किसी अनहोनी की चिंता में इस तरह दहशत में थे कि कहीं शिव बांवड़ी, फागली और कृष्णानगर जैसी घटनाएं न हो जाए । हालांकि इस काली घनेरी डरा देने वाली रात में कोई बड़ी घटना तो सामने नहीं आई परन्तु कुछ जगहों पर पेड़ गिरने और मलवा भरने की घटनाओं की तस्वीर जरूर सामने आई है । रात को एक ओर जहां टूटीकंडी में भारी मलबा आने से कुछ बसों के फसने की खबर है वहीं नाभा में भवन के ऊपर देवदार के पेड़ गिरने से मकान की छत क्षतिग्रस्त हुई है ।
इस भयानक दहलादेने वाले अजीबोगरीब मौसम ने कुल्लू , मंडी, सोलन और सिरमौर में भी अपना तांडव दिखाया है । मंडी के भडाणु गांव में बरसात के पानी ने पहाड़ों से मिट्टी,पत्थर और मलबे का ऐसा बवंडर ला खड़ा किया जिससे यहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दृश्य को देखकर गांव के लोगों में दहशत का माहौल है।
शिमला के नवबहार में सुबह करीब सवा ग्यारह बजे पूरा ढाँक भूस्खलन की भेंट चढ़ गया । ये हादसा इतना खतरनाक था कि पूरे संजौली के लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल गए।
इस बरसात से पहले बरसात के नाम पर लोगों के मन मस्तिष्क में रोमांचित करने वाले एक से बढ़कर एक फिल्मी नगमें ज़हन में आते थे लेकिन इस बरसात का रौद्र रूप देख बरसात के नाम से ही लोग ख़ौफ़ज़दा हुए जाते हैं ।
विज्ञान ने भले ही जितनी मर्जी तरक्की कर ली हो लेकिन प्रकृति कब,कहाँ और किसकी ज़िंदगी में तुफसन ला दे ये अभी भी विज्ञान के बूते से बाहर की बात है । हां इतना जरूर हुआ है कि मौसम विज्ञान केंद्र के आधुनिक तकनीक के यंत्रों से मौसम में होने वाली तब्दीली और उठापटक का पूर्वाभास हो जाता है जिसका फायदा ये होता है कि लोग पहले से ही उससे निपटने की तैयारी कर लेते हैं जैसे शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय भी प्रशासन मौसम विभाग के इसी पूर्वानुमान के आधार पर कर पा रहा है।
कुछ भी हो लेकिन इस साल हो रही बरसात ने इंसान को उसकी औकात दिखा दी है। जो लोग और देश खुद को सबसे ऊपर मानते थे उन्हें भी मालूम हो गया है कि उसके आगे सब बौने है ।