गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी पर बोले तीखे हमले,कांग्रेस को संविधान निर्माता और संविधान दोनों को दरकिनार करने के लगाए आरोप,निशाने पर रहा गांधी,नेहरू परिवार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र हमारी खूबी है और जो गणतंत्र है उस संविधान के दायरे में रहकर के चलता है, जिस संविधान को डॉ भीमराव अंबेडकर ने बनाया । वो संविधान देश के प्रत्येक नागरिक के लिए देश के विकास के लिए हर जाति, धर्म, संप्रदाय के संपूर्ण व्यक्तियों के लिए सभी प्रकार की संभावनाए संविधान के अंदर मौजूद है। इसके लिए हम डॉ अंबेडकर और उनकी टीम को शत शत नमन करते हैं । उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की सदा उपेक्षा की उनकी, अवहेलना की और उनको अपमानित करने का काम भी किया । 1947 में देश आजाद हुआ, 1949 में 26 नवंबर को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान की प्रति तात्कालिक राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को हैंड ओवर की और 26 जनवरी 1950 को यानी 75 साल पहले देश में इस संविधान के अनुसार गणतंत्र प्रारंभ हुआ। परंतु उस समय के सर्वाधिक सर्वमान्य और इंटेलिजेंट व्यक्ति डॉ आंबेडकर को नेहरू की कैबिनेट से बाहर जाना पड़ा, उनके ऊपर उस प्रकार की स्थितियां खड़ी कर दी के उनको नेहरू के मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देना पड़ गया। अंबेडकर देश के नेता थे, मार्गदर्शक थे और कैसे देश आगे बढ़ेगा उसको उन्होंने पूरी तरह से उस पुस्तक में उतार दिया था। परंतु ऐसे महान शख्सियत को 1952 चुनाव में हराने के लिए नेहरू ने पूरी ताकत झोंक दी, स्वयमेव उनके खिलाफ प्रचार करने के लिए महाराष्ट्र के अंदर वह पहुंचे ताकि डॉ अंबेडकर पार्लियामेंट में प्रवेश ना कर सके। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी उस संविधान की दुहाई दे रही है जिस संविधान को बनाने वाले की उन्होंने उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उस दलित समाज की दुहाई दे रही है जिस दलित समाज को उत्थान की ओर अग्रसर करने का काम डॉ भीमराव अंबेडकर ने किया आज के दिन हम इस बात को हिमाचल प्रदेश के जनमानस के सन्मुख लाने का प्रयास कर एक खोखला नैरेटिव खड़ा करने का प्रयास राहुल गांधी कर रहे है। बिंदल ने कहा कि संविधान की अवहेलना करने का काम नेहरू गांधी परिवार से इंदिरा गांधी ने किया, डॉ अंबेडकर धर्म के आधार के ऊपर आरक्षण के पूर्णत विरुद्ध थे उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने अनेक-अनेक स्थानों के ऊपर धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत की और इसको इंप्लीमेंट करने का प्रयास किया, जो सर्वोच्च न्यायालय में स्ट्राइक डाउन हुआ। लगभग 65 बार धारा 365 का दुरुपयोग करने वाली कांग्रेस, सरकारों को बारबार तोड़ने वाली कांग्रेस आज संविधान की दुहाई दे रही है। इंदिरा गांधी ने अपनी गद्दी को बचाने के लिए उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए देश में आपातकाल लगाया, संविधान की धज्जिया उड़ा दी, मीडिया के ऊपर प्रतिबंध लगाया, अखबारों को बंद कर दिया, मीडिया कर्मियों को जेल की काल कोठड़ी के पीछे डाल दिया लोकतंत्र की हत्या कर दी। एक लाख से अधिक नेताओं को जेल में डाल दिया और पांच साल में होने वाले चुनाव को बदलकर 6 साल में कर दिया। ये उस संविधान की दुहाई दे रहे है, जिस संविधान के अंदर केवल और केवल कांग्रेस को लाभ हो उस दिशा में परिवर्तन किए।