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ओ पी एस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति न मिलने से बिफरा विपक्ष, सदन के भीतर हंगामे के बाद किया वॉकआउट 

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हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन आज विपक्षी दल कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाली  के मुद्दे पर पहले सदन में भारी हंगामा किया और बाद में पूरा विपक्ष सदन से वाकआउट कर बाहर चला गया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने के विरोध में ये हंगामा और वॉकआउट किया। विपक्ष ने इस सम्बन्ध में बीते रोज नियम 67  के तहत विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया था और इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की थी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष के इस नोटिस को रद्द कर दिया। उन्होंने दलील दी की इस मुद्दे पर नियम 278  के तहत अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्यापक चर्चा हुई थी। ऐसे में इस मुद्दे पर फिर से चर्चा की अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है। 

इससे पूर्व आज सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का मुददा उठाया और ओपीएस के मामले पर तुरंत चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि आज न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर शिमला में प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं और इसके चलते पूरा शिमला जाम हो गया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी आशा कुमारी की मांग का समर्थन किया और प्रदेश सरकार को कर्मचारी विरोधी बताया। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने सरकार की और से सफाई पेश की लेकिन विपक्ष ने उनके स्पष्टिकरण का जोरदार विरोध किया और सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने के विरोध में पूरा विपक्ष अपने सीटों से उठकर सदन के बीचोंबीच में पहुंच गया और कुछ देर नारेबाजी करने के बाद फिर से अपनी सीटों पर लौटा।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था की दी कि इस मुददे पर पहले ही नियम 278 के तहत लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लंबी चर्चा हो चुकी है, इसलिए इस नोटिस को रदद करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था के बाद दोबारा से सदन में हंगामा आरंभ हो गया और पूरा विपक्ष दूसरी बार सदन के बीचोबीच नारेबाजी के लिए पहुंच गया। कुछ देर तक नारेबाजी हंगामे के बाद विपक्ष सदन से वाकआउट कर बाहर चला गया।
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट की निंदा की और कहा कि सरकार विपक्षी सदस्यों द्वारा पुछे गए सवालों के जवाब पर लाखों रुपए खर्च करती है, लेकिन विपक्ष प्रश्नकाल में हिस्सा लेने की बजाय हंगामे करने और वॉकआउट को प्राथमिकता देता है। उन्होंने विपक्ष के इस व्यवहार को प्रदेश की जनता के पैसे की बर्बादी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सुर्खियों में रहने के लिए वॉकआउट करता है। भारद्वाज ने यह भी कहा कि नियम 67 के तहत ओपीएस के मुददे पर चर्चा का कोई औचितय नहीं है, क्योंकि इस मुददे पर पहले ही लंबी चर्चा हो चुकी है। ऐसे में अध्यक्ष की व्यवस्था का विपक्ष द्वारा विरोध करना सरासर गलत है।

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