अपने महबूब नेता के पार्थिव शरीर की एक झलक पाने को उमड़ा जनसैलाब, राजधानी से अपने पैतृक स्थान के लिए “राजा साहब अमर रहे” के जयकारे के साथ किया विदा
1 min readजनता के साथ साठ साल का रिश्ता कितना गहरा होता है इस बात का अंदाज़ा शिमला के रिज मैदान पर उमड़े जनसैलाब से अनायास ही लगाया जा सकता है । कोरोना महामारी में संक्रमण के भय को बुलाकर हर कोई अपने महबूब नेता की एक झलक पाने को बेताब था। राजनीति में उनका जितना बड़ा कद था आम जनता के साथ उससे भी अधिक प्यार और मोहब्बत थी । उस करिश्माई नेता में हर किसी को अपने मोह जाल में फ़ांसने का गजब का हुनर था। वह गरीबों और मजलूमों का मसीहा था तो आम जनता भी उस से बेपनाह मोहब्बत करती थी। राजनीति में भले ही उनका कोई कितना भी कट्टर विरोधी रहा हो लेकिन दिल से हर कोई वीरभद्र सिंह का मान सम्मान करता था और उनकी जनता के बीच पकड़ का कायल था। राजनीति में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो वीरभद्र सिंह जैसा व्यक्तित्व और औरा न पाना चाहता हो । वीरभद्र सिंह के हर गम और खुशी में प्रदेश का बच्चा बच्चा शरीक होता था, खास तौर पर पार्टी के उनके कार्यकर्ता और समर्थक उन पर जान छिड़कने को हरदम तैयार रहते थे और आज जब वह हमेशा के लिए खामोश हो गए हैं तब भी उनके पार्थिव शरीर को देखने मात्र के लिए लोग दूर-दूर से शिमला के रिज मैदान पर पहुंचे और उन्हें अश्रुपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित किए । राजनीति में उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विपक्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित अनेक छोटे-बड़े नेता शिमला पहुंचे और उन्हें अंतिम विदाई देने के साथ-साथ उनके परिवार जनों के दुख में शरीक हुए। आज कांग्रेस का वो कद्दावर नेता हमेशा के लिए सब को अलविदा कह कर अपनी अंतिम यात्रा पर निकल चुका है और पीछे छोड़ गया है उनके जैसे पथ पर चलने की ऐसी चुनौती जो किसी भी राजनीतिज्ञ के लिए आसान ना होगी । उम्र का तकाजा था और जीवन की सच्चाई जिसमें हर किसी को एक ना एक दिन इस लोक से उस लोक जाना है । वीरभद्र सिंह जैसा सितारा अब शायद ही कोई दूसरा हो हिमालय का ये ध्रुव तारा अब हमेशा हमेशा के लिए अमर हो गया ।