प्रेदश की महिलाओं को 1500 रुपए की गारंटी का करना होगा इन्तज़ार, मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति को दी स्वीकृति
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज शिमला में आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए नई आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने वर्ष 2023-24 के लिये राज्य में खुदरा आबकारी दुकानों की नीलामी एवं निविदा को स्वीकृति प्रदान की। इसका उद्देश्य सरकार के राजस्व में पर्याप्त वृद्धि, शराब के मूल्य में कमी और पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाना है।
बैठक में पांच लीटर केग ड्रोट बियर की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया। इससे ग्राहकों को बियर की विभिन्न किस्में उपलब्ध होंगी। राज्य की वाइनरियों में आयातित वाइन की बॉटलिंग की अनुमति भी प्रदान की गई है। इससे ग्राहकों के लिए बेस्ट सेलिंग हाई रेंज वाइन ब्रांड उपलब्ध हो सकेंगे।
मंत्रिमण्डल ने बागवानों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत फलों के आसवन द्वारा निर्मित स्प्रिट या इसके डिस्टीलेशन और ब्लेंडिंग द्वारा प्राप्त शराब की नई किस्में शुरू करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एल-3, एल-4, एल-5 लाइसेंस धारकों को 3 स्टार रेटिड और उससे ऊपर के होटलों के सभी कमरों में रहने वालों के लिए मिनी बार की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया।
बैठक में राज्य में एक प्रभावी ऑनलाइन एंड-टू-एंड आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जिसमें वास्तविक समय में निगरानी के लिए मॉड्यूल के अलावा शराब की बोतलों के ट्रैक एवं ट्रेस की सुविधा शामिल होगी।
इस नीति को सरकार, उपभोक्ता, खुदरा विक्रेता, थोक व्यापारी, बॉटलिंग प्लांट, डिस्टिलरी, होटल तथा बार इत्यादि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। विभाग द्वारा सभी वर्गों से चर्चा एवं सुझाव के उपरान्त यह निर्णय लिए गए हैं।
मंत्रिमंडल ने आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश वाटर सेस ऑन हाईड्रोपावर जनरेशन विधेयक, 2023 लाने और 10 मार्च, 2023 से हिमाचल प्रदेश वाटर सेस ऑन हाईड्रोपावर जनरेशन अध्यादेश, 2023 लागू करने का भी निर्णय लिया।
वहीं दूसरी और कांग्रेस की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की गारंटी के लिए अभी प्रदेश की महिलाओं को और इंतजार करना होगा। मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर फैसले का इंतजार कर रही महिलाओं को फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है ।चुनाव से पहले पहली मंत्रिमंडल की बैठक में ओ पी एस लागू करने , 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने और महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए देने का वादा करने के बाद सत्तासीन होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पूर्व के वादों के इतर साफ किया था कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण फिलहाल सभी गारंटियों को लागू नहीं किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि ये 10 गारंटियाँ 5 साल में पूरी की जाएंगी