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सुचारू व सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के लिए कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थापित होंगे तीन नए ट्रैफिक-कम- टूरिस्ट-पुलिस स्टेशन

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में गत शनिवार को कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कीरतपुर से मनाली तक लगभग 191 किलोमीटर लंबी इस फोरलेन सड़क का लगभग 182 किलोमीटर भाग प्रदेश के तीन जिलों बिलासपुर, मंडी तथा कुल्लू से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेहतर यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए प्रदेश सरकार तीन नए ट्रैफिक-कम-टूरिस्ट-पुलिस स्टेशन (यातायात-सह-पर्यटक-पुलिस थाना) स्थापित करेगी। यह पुलिस स्टेशन बिलासपुर, मंडी व कुल्लू जिला में खोले जाएंगे। यह कुशल यातायात प्रबंधन प्रणाली से संचालित होंगे और प्रत्येक थाने में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। इससे फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटना इत्यादि में त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने संबंधित विभागों को इन थानों के कार्यक्षेत्र के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोरलेन सड़क पर ट्रामा सेंटर चिन्हित किए जाएंगे, जिनमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर, श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नेरचौक, मंडी तथा तीनो जिलों के क्षेत्रीय अस्पताल शामिल हैं। इससे आपात स्थिति में प्रभावितों को शीघ्र उपचार सुनिश्चत हो सकेगा। इस राजमार्ग पर निश्चित स्थानों पर एंबुलेंस, रिकवरी वाहन इत्यादि की व्यवस्था भी होगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात के सुचारू संचालन तथा दुर्घटना इत्यादि की संभावनाएं न्यून करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं प्रदेश पुलिस के समन्वय से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है। इसके तहत सीसीटीवी कैमरा, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम, वैरिएबल मैसेज साईन, स्वचालित यातायात पटल सह वर्गक, सड़क किनारे एवं ओवरहैड वाहन गति को दर्शाते डिस्प्ले पटल, ऑप्टिक फाइबर कनेक्टिविटी सहित आपात सहायता कॉल बॉक्स भी स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने गति सीमा से संबंधित डिस्प्ले पटल की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए। साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एकीकृत कमांड केंद्र के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता एवं इस मार्ग से गुजरने वाले अन्य यात्रियों की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए विकसित की जा रही प्रणाली एवं पुलिस स्टेशनों की स्थापना इत्यादि के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि स्थल निरीक्षण के माध्यम से वाहनों की गति सीमा का जायजा लेकर पांच दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडु ने कहा कि इस फोरलेन मार्ग के अंतर्गत टी एवं वाई जंक्शन पर सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक प्रबंध करने के लिए अध्ययन किया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने अवगत करवाया कि यह फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग आगामी 15 से 20 जून, 2023 तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों एवं राहगीरों की सुरक्षा के दृष्टिगत घाटी की तरफ को क्रैश बैरियर, पैदल पथ तथा ओवर ब्रिज तैयार किए गए हैं।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव, परिवहन, आर.डी. नज़ीम, प्रधान सचिव, गृह, भरत खेड़ा, सचिव, स्वास्थ्य, एम. सुधा देवी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता अजय गुप्ता, निदेशक, परिवहन अनुपम कश्यप सहित संबंधित विभागों एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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