मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को गृह संगरोध में कोविड-19 रोगियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दिए निर्देश, एलोपैथी और आयुष विभाग में बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर भी दिया बल
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वर्चुअल बैठक के माध्यम से राज्य के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और चिकित्सा अधिकारियों के साथ कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि गृह संगरोध में रह रहे कोविड-19 रोगियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें त्वरित उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के अभी तक कुल 3076 सक्रिय मामले हैं और गत एक सप्ताह में इसमें तीव्र बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 98 प्रतिशत रोगी गृह संगरोध में हैं।
जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को होम आइसोलेशन किट तैयार रखने के निर्देश दिए ताकि यह गृह संगरोध में रहने वाले कोविड-19 रोगियों को उपलब्ध करवाई जा सके और उन्हें आइसोलेशन के दौरान क्या करें और क्या न करें, के बारे में जागरूक किया जा सके और वे चिकित्सकों की सलाह पर ही दवाएं इत्यादि लें। उन्होंने कहा कि इस किट में च्यवनप्राश, आयुष काढ़ा, सेनेटाइजर, मास्क इत्यादि शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों को गृह संगरोध के दौरान आइसोलेशन के पुख्ता प्रबन्ध किए जाएं ताकि उनके परिवार के अन्य सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित न होने पाएं।
मुख्यमंत्री ने एलोपैथी और आयुष विभाग में बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे कोविड-19 रोेगियों को समय पर बेहतर उपचार उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं और सम्बन्धित प्राधिकरणों को जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण अभियान 12 जनवरी, 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि गृह संगरोध में रहने वाले कोविड-19 रोगियों को आपात स्थिति में परिवहन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को बर्फवारी से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों के बेहतर रख-रखाव, विद्युत और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख सड़कों और स्वास्थ्य संस्थानों को जोड़ने वाली सड़कों को शीघ्र अतिशीघ्र सुचारू करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों विशेष तौर पर स्वास्थ्य संस्थानों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी त्वरित कदम उठाएं। उन्हांेने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए पेयजल आपूर्ति भी शीघ्र सुचारू की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी और अन्य सम्बन्धित लोग कोरोना वायरस की दूसरी लहर के सफलतापूर्वक नियंत्रण के दौरान प्राप्त अनुभवों का पूर्ण उपयोग करें।
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने बैठक का संचालन किया।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हेमराज बैरवा, निदेशक आयुष विनय सिंह, निदेशक स्वास्थ्य डाॅ. अनिता महाजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।