Today News Hunt

News From Truth

विकास परियोजनाओं के लिए एफसीए और एफआरए के तहत स्वीकृतियों में देरी पर मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, केन्द्र के समक्ष उठाएंगे मामला

1 min read
Spread the love

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में विकास परियोजनाओं के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत स्वीकृतियों में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस विषय को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी ताकि विभिन्न विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।
यह बात मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित वन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं जैसे हेलीपोर्ट, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और डे बोर्डिंग स्कूल इत्यादि एफसीए एवं एफआरए अनुमोदन में देरी के कारण लंबित हो रही हैं। उन्होंने वन अधिकारियों को एफसीए व एफआरए स्वीकृतियों के मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि इस मामले में उनकी जवाबदेही भी तय की जाएगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री ने विभाग को पौंग बांध जलाशय में जलक्रीड़ा और हाॅट एयर बैलून संचालन जैसी पर्यटन गतिविधियां आरंभ करने की संभावनाओं का पता लगाने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक पर्यटक कांगड़ा घाटी की ओर आकर्षित हो सकें, इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने में काफी मदद प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत धमेटा रेंज में मथियाल और कठरा खास, नगरोटा सूरियां रेंज में नंगल चैक आदि स्थानों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और पर्यटन विभाग इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए समन्वय के साथ कार्य करेंगे ताकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा जिला को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत कार्य कर रही है। इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतरीन बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलाशय में तैराकी, क्याकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग और गोताखोरी आदि साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कि पर्यटन एजेंसियों को कृषि और अन्य गतिविधियों में शामिल समुदायों को आजीविका अर्जन के लिए पर्यटन आधारित गतिविधियों में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वन्य जीवों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने लोगों से भी इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन विभाग का वार्षिक कलैण्डर भी जारी किया।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) वीके तिवारी और प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यजीव) राजीव कुमार ने विभाग की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में एपीसीसीएफ (वन्यजीव) अनिल ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और सीसीएफ (वन्यजीव) उपासना पटियाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और संजय अवस्थी, विधायक भवानी सिंह पठानिया, प्रधान सचिव, वन, ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव, शहरी विकास, देवेश कुमार, निदेशक पर्यटन अमित कश्यप और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित उपस्थित थे।

.0.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed