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चंद्र ताल में डूबे व्यक्ति के शव को शुक्रवार सुबह सुंदरनगर से आए गोताखोरों ने बाहर निकाला, काजा के एस डी एम ने लोगों से नियमों के पालन करने का किया आग्रह

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लाहौल स्पीति के काजा में धार्मिक आस्था की प्रतीक प्राकृतिक झील चंद्र ताल में डूबे व्यक्ति के शव को शुक्रवार सुबह गोताखोरों ने बाहर निकाल लिया। एसडीएम महेंद्र प्रताप सिंह की अगुवाई में शव को बाहर निकालने का कार्य शुरू हुआ था। सुंदरनगर से आए गोताखोरों ने कुछ ही मिनटों में शव को निकाला। शव झील के किनारे से करीब बीस फीट की दूरी और लगभग 18 फीट की गहराई पर था। डाइवर ने पहले ही प्रयास में शव तक पहुंच कर रिकवर कर लिया। इसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया । फिर पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए काजा ले गई। सीएचसी काजा में शव का पोस्टमार्टम करवा दिया गया और फिर शव परिजनों को सारीऔपचारिकताएं पूरी करने के बाद सौंप दिया। मृतक की पहचान राहुल ठाकुर पुत्र लोत रामगांव जगतससुख , मनाली जिला कुल्लू के तौर पर हुई है। राहुल अपने चार दोस्तों के साथ चंद्र ताल घूमने आए थे। 22 जुलाई को सुबह के समय यह नहाने के लिए झील में गए और राहुल अचानक डूब गया। काजा उपमंडलाधिकारी महेंद्र सिंह प्रताप ने कहा कि शव को गोताखोरों द्वारा बाहर निकालने व पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। उन्होंने इस हादसे पर अफसोस जताते हुए यहाँ आने वाले पर्यटकों से आग्रह किया कि इस झील के धार्मिक महत्व को समझते हुए यहाँ न नहाएं ताकि लोगों की आस्था को ठेस न पहुंचे ।

उन्होंने स्पीति आने वाले सभी पर्यटकों से अपील की कि स्पीति के किसी भी नाले, तालाब, झील में बेवजह न
जाए। इसके साथ ही स्पीति में पर्यटक अपने आप को यहां की जलवायु के हिसाब से शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार कर लें। सभी पर्यटक व्यर्थ में बहादुरी दिखाने के लिए अपनी जान को किसी भी प्रकार के खतरें में न डालें। स्पिति घाटी पर्यटकों को आकर्षण का केंद्र है । लेकिन नियमों का पालन सभी पर्यटक करें। वहीं सेव चंद्र ताल सोसाइटी के उपाध्यक्ष ने कहा कि पर्यटकों को बार बार समझाया जाता है फिर भी लोग नियम तोड़ रहे है। झील में नहाना पूरी तरह गलत है।

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