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तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने गिनवाए सरकार के कार्य,कहा – विपक्ष के पास नही है कोई विकास नीति

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तकनीकी शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने बुधवार को वर्तमान सरकार के दौरान किए कार्य गिनवाए। डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि जयराम सरकार तकनीकी शिक्षा के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को स्वावलंबी बना रही है। हमारी सरकार में शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के लिए बजट में वृद्धि की गई। बजट को 16 प्रतिशत बढ़ाकर 8 हजार 669 करोड़ रुपये कर दिया गया।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग सेंटर्स को बढ़ावा दिया है। वर्तमान में प्रदेश में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत कुल 363 तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान क्रियाशील हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत नामांकित छात्रों की संख्या 1 लाख 44 हजार 258 है और प्रशिक्षित छात्र 1 लाख 35 हजार 187 है। साथ ही 61 आईटीआई में शोर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेस चलाए जा रहे हैं।

अब तक 50 आईटीआई अपग्रेड 26 नए खोले गए

तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि अब तक 50 आईटीआई को अपग्रेड किया गया। आईटीआई में महिलाओं के लिए ड्राइविंग स्कूल खोले गए और उन्हें निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में 26 नई आईटीआई शुरू कीं और जिला मंडी के करसोग और सराज, कांगड़ा के जंदौर और सुलह और जिला कुल्लू के दलाश में बहुतकनीकी संस्थान खोलने को मंजूरी।

जनजातीय क्षेत्रों के लिए किए गए कार्य

तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जनजातीय समुदाय की जनसंख्या, कुल जनसंख्या का 5.71 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम से जो कर्ज लिया है, उनके लिए वन टाइम सेटलमेंट का प्रावधान किया जाएगा। इससे 12000 लोगों की 12 करोड़ रुपये की ब्याज और जुर्माना राशि सेटल की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के लिए टेलीमेडिसिन प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। इससे यहां की जनता को स्वास्थ्य लाभ मिले हैं। साथ ही जनजातीय क्षेत्र के लिए अटल टनल का निर्माण किया गया जो आज जनजातीय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।

उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के अब तक के कार्यकाल के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। एफआरए के तहत जनजातीय क्षेत्र के लोगों को खेती के लिए भूमि प्रदान की जा रही है।

जनजातीय उप-योजना

डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनजातीय उप-योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों के लिए 2018-19 से लेकर 2022-23 के लिए 3 हजार 619 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत परिवहन, सड़कों-पुलों और भवन निर्माण के लिए 2018-19 से लेकर 2022-23 तक के लिए कुल 1 हजार करोड़ से अधिक बजट का प्रावधान किया गया।

ई-गर्वेंस पर हिमाचल सरकार के कार्य

तकनीकी शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में केवल 52 सेवाएं ही ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से प्रदान किया जा रहा था। हिमाचल ऑनलाइन सेवा ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से आज जयराम सरकार 113 सर्विस ऑनलाइन प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में जनता की समस्याओं को ऑनलाइन तरीके से दर्ज करने की व्यवस्था नहीं थी। वर्तमान सरकार ने 16 सितंबर 2019 को मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 शुरु की गई। इसके माध्यम से 12 सितंबर 2022 तक 4 लाख 44 हज़ार 243 शिकायतें, 22 हज़ार 905 मांगें और सुझाव दर्ज किए गए। जिनमें से 4 लाख 29 हज़ार 256 से ज्यादा शिकायत का निवारण किया जा चुका है।

ई-ऑफिस

डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में मात्र 7 दफ्तर ही ई-ऑफिस सुविधा से जुड़े थे। वर्तमान सरकार में 120 ऑफिस को ई-ऑफिस बना दिया गया है। इसके अलाव हिमाचल प्रदेश सचिवालय के 88 ऑफिस भी ई-ऑफिस की सुविधा से जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों को आप इन आंकड़ों से भी समझ सकते हैं कि कांग्रेस सरकार में 4 हज़ार 445 फाइल्स ई-ऑफिस से क्रिएट की गईं। जबकि वर्तमान सरकार मे 84 हज़ार 611 फाइल्स ई-ऑफिस से क्रिएट की गईं।

आईटी पॉलिसी और इन्वेस्टमेंट

डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के तहत 2 हज़ार 833 करोड़ के 14 MOU साइन किए गए थे। इनमें से 2 हज़ार 89 करोड़ के 4 MOU धरातल पर उतर चुके हैं।

ड्रोन
डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है जिसने ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी बनाई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा विभाग ने सरकारी आईटीआई शाहपुर में ड्रोन प्रशिक्षण के लिए पहला ड्रोन स्कूल स्थापित किया गया है। इसके लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के साथ एमओयू साइन किया है।

डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि मेडिकल और अन्य क्षेत्र में भी ड्रोन का इस्तेमाल करने पर ट्रायल किए गए हैं। शिमला के जुब्बल में सेब के बागीचों में भी स्प्रे के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान 2 बीघा तक के बागीचे में तीन मिनट में स्प्रे की गई। जबकि पारंपरिक तरीके से इसमें 30 मिनट तक लग जाते हैं।

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