प्रदेश की बहुमूल्य वन संपदा को आग से बचाने के लिए उमंग फाउंडेशन संस्था आई आगे, रविवार 24 अप्रैल को वेबिनार के माध्यम से लोगों को करेगी जागरूक
गर्मियों के आते ही प्रदेश भर में अग्निकांड की घटनाएं बढ़ जाती है और सबसे अधिक मार चील के जंगलों को पड़ती है। ऐसी घटनाओं को रोकने और इनसे बचाव को लेकर प्रख्यात समाजसेवी संस्था उमंग फाउंडेशन आगे आई है और उसने लोगों को इस गम्भीर समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल की है । आजकल आग से धधक रहे प्रदेश के जंगलों को लेकर जागरूकता लाने के लिए उमंग फाउंडेशन 24 अप्रैल रविवार को “आग से वनों की सुरक्षा और सामाजिक दायित्व” विषय पर वेबिनार कर रहा है। भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और मुख्य वन अरण्यपाल(वन संरक्षण एवं अग्नि नियंत्रण) अनिल कुमार शर्मा इसमें मुख्य वक्ता होंगे।
कार्यक्रम के संयोजक, वरिष्ठ साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश देओग ने बताया कि गूगल मीट पर उमंग फाउंडेशन का यह 32वां जागरूकता कार्यक्रम शाम 7 बजे से होगा। अनिल कुमार शर्मा इसमें आग से सुरक्षा के लिए जंगलों में वन विभाग द्वारा की गई तैयारियों और इस बारे में ग्रामीणों के दायित्व पर भी चर्चा करेंगे। कार्यक्रम का लिंक है:
https://meet.google.com/qgh-fajq-cbn
देओग ने कहा कि आग से वन संपदा का नुकसान एक राष्ट्रीय क्षति है। जंगल सिर्फ वृक्ष नहीं होते बल्कि उनमें घास, झाड़ियां, अन्य वनस्पति एवं जड़ी बूटियां, पशु -पक्षी, सांप और कीट पतंगों का भरा पूरा संसार होता है। आग से जंगलों को बचाना सरकार के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक का भी कर्तव्य है।