राजधानी शिमला में आदमखोर तेंदुए का आतंक,एक युवक पर किया जानलेवा हमला, शहर के लोग कुत्तों, बन्दरों, लंगूरों और तेंदुए के आतंक से दहशत में जीने को मजबूर
राजधानी शिमला बंदरों, लंगूरों, कुत्तों और आदमखोर तेंदुए की शरण स्थली बनकर रह गई है । यहां आए दिन कोई ना कोई इन जानवरों के आतंक का शिकार होता रहता है लेकिन शिमला नगर निगम, वन विभाग और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। इन दिनों शिमला शहर में कुत्तों, बंदरों और लंगूरों का बेइंतहा आतंक है । लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है । खासकर बच्चों और महिलाओं को हरदम इन जानवरों का डर सताता रहता है । यही नहीं अब तो तेंदुए जैसे खूंखार जानवर भी शहर की सीमा में घुसकर लोगों पर हमला बोल रहे हैं । ऐसा ही एक हादसा बीती रात शिमला के जाखू के समीप फ़ाइव बेंच के पास सामने आया जहां एक होटल कर्मी तेंदुए के हमले का शिकार हो गया । युवक की खुशकिस्मती यह रही कि उसकी चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए और उन्हें देखकर हमला करने वाला तेंदुआ भागने को मजबूर हो गया । लेकिन जरा सोचिए यदि लोगों को युवक की चीखें न सुनाई देती या यह युवक तेंदुए के हमले में गिरकर बेहोश हो जाता तो उसका बचना नामुमकिन होता ।जानकारी के मुताबिक विजय कुमार शिमला शहर में एक होटल में बतौर शेफ काम करता है और देर रात को अपनी ड्यूटी के बाद वह अपने आवास की तरफ जा रहा था कि तेंदुए ने अंधेरे में अचानक पीछे से उस पर हमला बोल दिया । इस हमले में विजय कुमार की पीठ टांग और हाथ में गहरी चोट आई है , गनीमत यह रही की तेंदुए के हमले से युवक जैसे ही जमीन पर गिरा उसकी चीख निकल गई जिसे सुनकर स्थानीय लोग मौका ए वारदात पर तुरंत पहुंच गए और तेंदुए को भगा दिया । सोचने वाली बात यह है कि क्या हमेशा इसी तरह से इन आदमखोर जानवरों से कोई बच पाएगा । आए दिन कुत्तों बंदरों और लंगूरों के आतंक की खबरें समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की सुर्खियां बनी रहती हैं लेकिन इस पर गंभीरता से न तो प्रशासन और न ही नगर निगम कोई कदम उठा रहा है । यदि नगर निगम से इन जानवरों के आतंक की शिकायत करें तो वह न्यायालय के हस्तक्षेप का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है, ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि क्या नगर निगम इसका कोई स्थाई समाधान निकालना ही नहीं चाहता या नगर निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों को आम आदमी की जिंदगी इतनी मामूली लगती है कि उसे जनता की कतई परवाह ही नहीं है । राजधानी शिमला में जिस तरह से इन जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है वह एक गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रहा है । अब आम जनता को एक बार फिर न्यायालय से ही उम्मीद है और यदि न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर इसमें कोई कार्यवाही करें तभी शहर की जनता को कुछ राहत मिल सकती है वरना वह दिन दूर नहीं जब लोगों को अपने आप को इन जानवरों के आतंक से बचाने के लिए पिंजरे में रहना पड़ेगा । वैसे शिमला शहर में अधिकतर घर जालीदार पिंजरे में तब्दील हो ही गए हैं । गौरतलब है कि इससे पहले भी शिमला और इसके आसपास के क्षेत्र में कई बच्चे तेंदुए का शिकार हो चुके है ।
में बीते रात तेंदुए ने एक युवक पर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले से युवक पूरी तरह लहुलुहान हो गया। घटना रात 11 बजे की है। तेंदुए के हमले से घायल युवक की पहचान विजय कुमार के तौर पर की गई है। यह शहर के एक होटल में शैफ का काम करता है। रात को यह डयूटी आफ कर जाखू की तरफ अपने घर जा रहा था। टका बैंच के पास तेंदुए ने पीछे से युवक पर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले से युवक की पीठ, बाजू व टांग में चोंटे आई है। युवक के चिल्लाने की आवाजे आने के बाद लोग वहां इकक्ट्ठा हुए। जिसके बाद तेंदुआ वहां से भाग गया। तेंदुए ने युवक की पीठ और बाजू पर अपना पंजा गढाया। इसके चलते वह नीचे गिर गया, जिससे उसके हाथ में भी चोटें आई है। युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया। उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी है।