भाजपा ने कांग्रेस राज में कानून व्यवस्था चरमराने के लगाए आरोप, अपराधियों के बुलन्द हौसलों को प्रदेश के लिए बताया घातक
1 min read भाजपा प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी और विनोद ठाकुर ने वर्तमान कांग्रेस सरकार को कानून व्यवस्था मामले में आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति गंभीर होती जा रही है जिस प्रकार से पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसले बढ़ रहे हैं वह हिमाचल प्रदेश के लिए गंभीर विषय।
कांग्रेस की वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को नियंत्रण में लाने में असफल साबित हो रही है। कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि हर प्रकार के माफिया को यह सरकार संरक्षण देने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के गृह ज़िला ऊना के संतोषगढ़ का हालिया मामले का ज़िक्र करते हुए कहा कि नगर परिषद संतोषगढ़ में 27 जुलाई 2023 को पुलिस ने सट्टेबाजों व अवैध रूप से ऑनलाइन लॉटरी का काम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए छापामारी की। संतोषगढ़ में सट्टेबाजों व अवैध रूप से ऑनलाइन लॉटरी का काम करने वाले लोगों के हौसले इतने बलंद हो चुके हैं कि रेड करने पहुंची पुलिस को उन्होंने बंधक बना लिया। जैसे ही पुलिसकर्मियों को बंधक बनाए जाने की सूचना ऊना के एस. पी. को मिली, उसी समय वह पुलिस फोर्स लेकर संतोषगढ़ पहुंच गए और उन्होंने अपने बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को छुड़ाया।
इस प्रकरण से साफ दिखता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है जो पुलिसकर्मियों को भी बंधक बना सकते हैं।
जनवरी से लेकर अब तक जुआ अधिनियम के तहत 135 मामले पंजीकृत कर लगभग 42 लाख की राशि भी वसूली गई है। इस मामले में 5 लोगों को भी हिरासत में लिया गया है तथा सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने और जुआ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सट्टे के काम से जुड़े दस्तावेज भी पकड़े गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी की मांग है कि इन अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और आगामी समय में ऐसे मामलों को लेकर और गंभीर नियम बनाने चाहिए।
उन्होंने कहा साल के पहले छह महीनों में प्रदेश में विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों का आंकड़ा दस हजार को पार कर गया है। जनवरी से जून तक मर्डर के 45 व दुराचार के 177 मामलों के साथ कुल 10142 मामले दर्ज हुए हैं। प्रदेश पुलिस ने नशे पर नकेल कसने की मुहिम जारी रखी है और छह माह में कुल 1230 मामले दर्ज किए हैं । इस अवधि में जिला शिमला में आठ, जिला बिलासपुर में छह और जिला चंबा में चार मामलों के साथ कत्ल के कुल 45 मामले सामने आए हैं। जिला मंडी में नौ और जिला ऊना व बीबीएन क्षेत्र में चार – चार मामलों के साथ हत्या के प्रयास के कुल 34 मामले भी दर्ज किए हैं । जिला मंडी में 27, कांगड़ा में 23 और सिरमौर में 21 मामलों के साथ प्रदेश में छह माह में दुराचार के कुल 177 मामले दर्ज हुए हैं। एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं के तहत शिमला में 278, मंडी में 150 और कुल्लू में 142 मामलों के साथ प्रदेश में कुल 1230 मामले दर्ज किए हैं। एक्साइज एक्ट के तहत जिला मंडी में 243, कांगड़ा में 228 और चंबा में 209 मामलों के साथ प्रदेश में कुल दर्ज मामलों का आंकड़ा 1714 रहा है। छह माह के दौरान महिलाओं से छेड़छाड़ के कुल 248 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें जिला मंडी में 42, जिला कांगड़ा में 41 और जिला शिमला में 27 मामले सामने आए हैं । प्रदेश में छह माह में आई एक्ट के तहत कुल 22 और फोरेस्ट एक्ट के तहत 74 मामले दर्ज हुए हैं। इस दौरान चोरी की 361 वारदातें हुई, जिनमें जिला सोलन में 51, सिरमौर में 44 और ऊना में 42 मामले दर्ज हुए।
अगर गौर किया जाए तो अपराधिक मामलों में बड़ा उछाल आया है जो एक गंभीर विषय है।