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चौपाल से भाजपा विधायक बलबीर वर्मा का दावा – कर चोरी हुई साबित तो विधायकी से देंगे इस्तीफा,हमेशा के लिए छोड़ देंगे सक्रिय राजनीति

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चौपाल के भाजपा विधायक बलबीर वर्मा के खिलाफ कर चोरी मामले में आज विधायक खुद स्पष्टीकरण देने के लिए पत्रकारों से रूबरू हुए ।उन्होंने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनके खिलाफ छपी कर चोरी की खबरों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह बड़ी ईमानदारी के साथ अपने कर का हमेशा भुगतान करते आए हैं और वर्तमान में जिस कर चोरी के आरोप उन पर लग रहे हैं वह मामला कर चोरी का नहीं बल्कि सेवा कर की लंबित देनदारी का है। शिमला विधान सभा परिसर में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि 2016 में उन्हें सेवा कर विभाग की ओर से 9 करोड़ पचास लाख के करीब कर अदायगी का नोटिस आया था जिसके बाद उन्होंने सेवा कर आयुक्त के पास अपील की और 31-12-2019 को वह एक करोड़ 72 लाख के लगभग सामने आया । बलवीर वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की सबका विश्वास योजना के तहत लंबित कर का 50 फीस जमा करने के लिए वे विभाग के पास गए लेकिन विभाग ने उन्हें फॉर्म एक और फॉर्म दो ही इशू किया जबकि फॉर्म 3 इशु ही नहीं किया पोर्टल में इस बात का सबूत है। उन्होंने कहा कि यदि उसी समय उन्हें form3 दे दिया गया होता तो यह सेवा कर उसी समय अदा कर दिया गया होता । बलवीर वर्मा ने कहा कि जिस सेवा कर की अदायगी के लिए उन्हें नोटिस आया है वह कर उन्हें नहीं चुकाना था बल्कि जिन्हें फ्लैट दिए गए थे उन्हें सर्विस टैक्स के रूप में अदा करना था लेकिन अब विभाग को उन्हें स्वयं यह कर देना पड़ रहा है । बलबीर वर्मा ने कहा कि यह सेवा कर की अदायगी का मामला है न कि टैक्स चोरी का। उन्होंने साफ किया कि यदि टैक्स चोरी उनके खिलाफ साबित होती है तो वह विधायकी से इस्तीफा दे देंगे और हमेशा के लिए सक्रिय राजनीति छोड़ देंगे। बलबीर वर्मा ने कहा कि वह बेहद ईमानदारी के साथ व्यवसाय करते हैं और कर की अदायगी करते आए हैं । सेवाकर जमा न करने के पीछे उन्होंने मामले को न्यायालय के विचाराधीन होना बताया और साथ ही कोविड के दौरान न्यायालय के बंद होने के चलते इसमें देरी होना बताया । बलबीर वर्मा ने कहा कि यह मामला टैक्स ट्रिब्यूनल में लंबित है और जो भी फैसला आएगा उसके मुताबिक वह कर की शत-प्रतिशत अदायगी करने को तैयार है । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस सेवाकर की बात की जा रही है उसमें 86 लाख के करीब देनदारी बनती है। इस दौरान उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाथ लिया और कहां की किसी भी खबर को प्रकाशित व प्रसारित करने से पहले इसकी सटीक जानकारी लेनी चाहिए ताकि बिना वजह किसी की जग हंसाई न हो । उन्होंने कहा कि समाज सेवा के क्षेत्र से जुड़े होने के चलते जनप्रतिनिधियों की हजारों लाखों लोगों के प्रति जवाबदेही होती है ऐसे में चरित्र हनन से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

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