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संघर्ष का दूसरा नाम और 1962,65 और 71 के युद्ध में देश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कैप्टन ओम प्रकाश सूद ने 89 वर्ष की उम्र में पूरी की सांसारिक यात्रा, सभी ने दी अश्रुपूर्ण विदाई

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22 मई 2024 को छोटा शिमला निवासी कैप्टन ओम प्रकाश स्वयं 89 वर्ष की सांसारिक यात्रा पूरी कर पंचतत्व में विलीन हो गए। कैप्टन सूद ने अंतिम सांस तक एक कर्मयोगी की तरह अपना जीवन जिया। उन्होंने हर कठिन परिस्थिति को चुनौती माना। परिस्थितियों से जूझना और उनसे पार पाना ही उनके जीवन का पर्याय था। उन्होंने न केवल अपने 32 वर्ष के सैन्य करियर के दौरान कार्य के प्रति समर्पण की मिसाल कायम की, बल्कि वित्तीय सलाहकार के रूप में अपने दूसरे करियर में भी हर पल इस भावना को जिया और निरंतर प्रेरणा का स्रोत बने।

बने।

वे 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में अग्रणी सक्रिय भागीदार रहे। 1971 के युद्ध के दौरान उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में बेहतरीन संचार व्यवस्था का प्रबंधन कर ‘कोर ऑफ सिगनल्ज का नाम रोशन किया। उम्र कभी भी आपकी प्रगति में बाधा नहीं बनी। वयस्क होने पर उन्होंने अपने दूसरे करियर के लिए सूचना प्रौद्योगिकी में महारत हासिल की और अपने ज्ञान को बढ़ाया तथा समय के अनुसार बदलावों को खुशी-खुशी अपनाया।

अपने जीवन के अंतिम वर्षों में गंभीर बीमारियों से लड़ते हुए भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके डॉक्टर उन्हें योद्धा मानते हैं। जीवन भर देश के एक कर्तव्यनिष्ठ और वफादार सेवक की भूमिका निभाते हुए उन्होंने न केवल अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण किया, बल्कि अपने जन्म स्थान प्रतापपुर और शिमला के लोगों की भी मदद की।

अनेकोंनेक युवाओं को सैन्य सेवा और आदर्श नागरिकता की ओर अग्रसर किया और सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक उत्थान में योगदान दिया।

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