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कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा सरकार को लिया आड़े हाथ – कोविड-19 से निपटने में पूरी तरह से विफल किया करार

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शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश में दिनों दिन बढ़ते कोविड 19 के मामलों पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस माहमारी से निपटने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है।उन्होंने कहा है कि सरकार का ध्यान इस माहमारी की रोकथाम पर कम और अपनी राजनीति पर ज्यादा है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह अस्त व्यस्त हो कर रहे गई है।सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं की ओर कोई भी ध्यान नही है।उन्होंने कहा कि गत दिनों शिमला के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित महिला की आत्महत्या ने कोविड केंद्रों में व्यवस्था की पूरी पोल खोल दी है।उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविड 19 के संक्रमित लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया है।अस्पतालों में इन्हें कोई भी सुविधा व उचित देख रेख नही मिल रही है।लोगों में भय का माहौल बनता जा रहा है।उन्होंने कहा कि कोविड 19 के संक्रमित लोंगो की देख रेख की कोई उचित व्यवस्था न होना और भी दुखदाई है।आज प्रदेश में जिस प्रकार इस संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है वह प्रदेश के लिए बहुत ही चिंता का विषय है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट लोकेंद्र शर्मा ने भी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं विशेषकर रिपन अस्पताल में कमियों को लेकर जो बातें कही है वह सरकार की पूरी पोल खोलता है।प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ता राजनैतिक हस्तक्षेप,भ्र्ष्टाचार इसका मुख्य कारण माना जा सकता है।अस्पतालों में जिस प्रकार डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य सहायको की कमियां डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा ने गिनाई है वह बहुत ही चिंता का विषय है।सरकार इन कमियों को दूर करने के बजाए डॉक्टरों को इधर से उधर पटकने में लगी है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोविड केंद्रों में न तो उपयुक्त संख्या में पीपी किट ही है और न ही टेस्टिंग किट्स।सरकार ने जब प्रदेश में कोरोना का एक भी मामला नही था तो बड़े जोरो शोरों से अपनी पीठ यह कह कर थपथपाई थी कि प्रदेश सरकार ने इसकी रोकथाम के सख्त एतयाती उपाय किये है।सरकार के यह सारे दाबे हवा हवाई साबित हुए है।
विक्रमादित्य सिंह ने सरकार से मांग की है कि वह अस्पतालों में डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को तुरंत भरते हुए इनकी अदला बदली पर फिलहाल रोक लगाए, जबतक की प्रदेश में कोरोना माहमारी पर अंकुश नही लग जाता।

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