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कुल्लू के बाद ज़िला शिमला से भी भाजपा को कांग्रेस ने जोर का झटका दिया धीरे से, इंदु वर्मा हुई कांग्रेस की

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पूर्व पार्षद मनोज कुठियाला और पूर्व मंत्री व पूर्व भाजपा अध्यक्ष पंडित खिमिराम के बाद अब पूर्व विधायक राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा ने भी भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है । ठियोग विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे राकेश वर्मा की पत्नी हिंदू वर्मा ने आज दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के समक्ष कांग्रेस पार्टी का दामन थामा ।भारतीय जनता पार्टी जिस कांग्रेस को डूबता जहाज मान रही थी उसी जहाज में एक के बाद एक भाजपा नेताओं के सवार होने से भाजपा की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। इंदु वर्मा पूर्व विधायक की पत्नी के साथ-साथ खुद भी राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय रही है और ठियोग विधानसभा क्षेत्र में उनकी खासकर महिलाओं में अच्छी खासी पैंठ है। वैसे भी पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स के सक्रिय राजनीति से बाहर होने के बाद कांग्रेस के पास इस विधानसभा क्षेत्र से कोई बड़ा चेहरा नहीं था हालांकि दीपक राठौर और कुलदीप सिंह राठौर इसी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में यहां से टिकट के प्रबल दावेदार हो सकते हैं । बीते कुछ दिनों से इंदु वर्मा के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन मामला टिकट को लेकर अटका हुआ था। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कांग्रेस ने टिकट देने की शर्त पर उन्हें शामिल किया है या वह बिना शर्त कांग्रेस से जुड़ी है। इंदु वर्मा को कांग्रेस में शामिल करने के बाद दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजीव शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के भीतर भगदड़ मची है और एक के बाद एक नेता पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है और प्रदेश की जनता भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाएगी ।

भारतीय जनता पार्टी के एक के बाद एक कई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को कितना नुकसान होगा यह तो भविष्य के गर्भ में छुपा है लेकिन एक बात साफ है कि भारतीय जनता पार्टी जिन कारतूस को चला हुआ समझकर दरकिनार कर रही है कांग्रेस पार्टी उन्ही कारतूस के बारूद से भाजपा के भीतर धमाका करने की फिराक में है । ये भी सम्भव है कि कांग्रेस के खुद के टिकट के दावेदार नेताओं में इन बाहरी नेताओं के आ जाने और उन्हें टिकट का आश्वासन देने से द्वेष की भावना पैदा हो पार्टी को फायदे से ज़्यादा नुकसान अधिक हो । कुल मिलाकर उठापटक की इस राजनीति से आने वाला विधानसभा महासंग्राम बेहद दिलचस्प होने वाला है ।

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