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बिलासपुर अलीखड्ड पेयजल वितरण पर प्रदर्शन के दौरान लोगों पर बलप्रयोग से भाजपा आगबबूला, विधानसभा में किया वॉक आउट, प्रदेश प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी

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विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विपक्ष पूरी तरह से हमलावर है । बिलासपुर और सोलन की सीमा पर अर्की विधानसभा क्षेत्र में चल रहे अली खड्ड पानी विवाद पर आज लगातार दूसरे दिन विपक्षी दल भाजपा ने सदन से वाकआउट किया। भाजपा सदस्य नारेबाजी करते सदन से बाहर आए और सरकार पर मनमानी पूर्ण और तानाशाही रवैया अपनाने के आरोप लगाए । भाजपा ने ये वाकआउट सरकार के अलीखड्ड पेयजल योजना पर काम बंद न करने और विवाद के दौरान हुए लाठीचार्ज की जांच न करवाए जाने के विरोध में मिया । विपक्ष ने विधायक रणधीर शर्मा सहित अन्य लोगों पर दायर एफआईआर को वापस न लिए जाने के विरोध में किया।
भाजपा सदस्य रणधीर शर्मा ने नियम 62 के तहत सदन में यह मामला उठाते हुए कहा कि अगर लोगों पर दबाव बनाया जाएगा तो वह आंदोलन ही करेंगे। यही कुछ अली खड्ड पानी विवाद मामले में भी हुआ है। उन्होंने कहा कि अली खड्ड पर पहले ही क्षमता से अधिक पेयजल और सिंचाई योजनाएं बन चुकी हैं। इस कारण गर्मियों में इस खड्ड में पानी की कमी हो जाती है और खासकर बिलासपुर जिला के लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। इसलिए स्थानीय लोग इस खड्ड से अंबुजा सीमेंट कंपनी तथा अर्की विधानसभा क्षेत्र के गांवों के लिए पानी दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि यह मामला राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि सभी राजनीतिक दल इस योजना का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से हर रोज 10 लाख लीटर पानी उठाया जाना है, जो खड्ड में पानी के प्रवाह को कम करेगा। उन्होंने कहा कि इस समस्या से बचने के लिए कोल डैम से पानी उठाया जाना चाहिए, क्योंकि वहां से पानी उठाने की कोई सीमा नहीं है। रणधीर शर्मा ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में इस योजना पर काम रोक दिया था। उन्होंने सरकार से जनहित को ध्यान में रखते हुए अली खड्ड से पानी की योजना को बंद करने की मांग की। शर्मा ने इस विवाद में उन पर दर्ज एफआईआर को भी रद्द करने की मांग की और कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन और उग्र होगा।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि अली खड्ड परियोजना पर 108 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं और इस योजना से अली खड्ड के बहाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि उन्होंने माना कि गर्मियों के मौसम में पानी के बहाव में कमी आ सकती है, लेकिन ऐसा पूरे प्रदेश में होता है और अली खड्ड इसका कोई अपवाद नहीं है। चौहान ने कहा कि अली खड्ड विवाद मामले में दर्ज एफआईआर रद्द नहीं होगी और कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस रणधीर शर्मा के पास उन्हें पीटने नहीं गई थी, बल्कि रणधीर शर्मा खुद भीड़ के साथ योजना स्थल पर आए थे और सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने कहा कि रणधीर शर्मा को इस मामले में कानून अपने हाथ में लेने के बजाय अदालत जाना चाहिए था।

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