Today News Hunt

News From Truth

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई दिल्ली में नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में लिया भाग, कहा- राज्य सरकार आधुनिक तकनीक से कृषि उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने में है प्रयासरत

1 min read
Spread the love

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में भाग लिया। बैठक में कृषि उत्पादन एवं फसल विविधीकरण में आत्मनिर्भर होने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और नगर निकाय प्रशासन जैसे मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों में 1010 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण योजना क्रियान्वित की जा रही है और मशरूम की खेती विशेषकर शिटाके और ढींगरी किस्मों को बढ़ावा देने के लिए बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गत साढ़े चार वर्षों के दौरान प्रदेश के 31,584 बागवानों को राज्य प्रायोजित योजनाओं के अन्तर्गत कवर किया गया है, जबकि 4.15 लाख बागवानों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए 3590 ग्राम पंचायतों को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अन्तर्गत लाया गया है और किसानों ने रासायनिक खाद के जगह प्राकृतिक खाद को अपनाकर लगभग 9.75 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि उत्पाद बेचने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ के अलावा प्रदेश भर में 10 विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीक की मदद से आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए दलहन, तिलहन और अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से हाल ही में घोषित स्वयंप्रभा के तहत कुल 200 चैनलों में से हिमाचल प्रदेश को 5 टीवी चैनल आवंटित करने का आग्रह किया। यह उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों का सकल नामांकन अनुपात शत-प्रतिशत है जबकि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के मामले में यह 85.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यदि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर तकनीकी संस्थानों को जोड़ दिया जाए तो यह अनुपात 98.8 प्रतिशत हो जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य के 14 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं को शिक्षा एवं निःशुल्क आवासीय सुविधा के अलावा कौशल शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा डेटाबेस का डिजिटिकरण किया जा रहा है और डिजिटल मोड में उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए शिक्षकों की क्षमता का विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों तक छात्रों की आसानी से पहुंच है और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। जिला मण्डी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय को अप्रैल, 2022 से क्रियाशील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में राज्य का सकल नामांकन अनुपात 27.1 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 40.8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के तहत छात्रवृत्ति की राशि, लड़कियों और लड़कों की श्रेष्ठता छात्रवृत्ति में भी वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के अलावा प्रतिस्पर्धात्मक सेवाओं के इच्छुक मेधावी छात्रों के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना शुरू की है। राज्य सरकार शोधार्थियों की सुविधा के लिए विश्वविद्यालयों में मौजूदा शैक्षणिक सत्र से मुख्यमंत्री शोध प्रोेत्साहन योजना शुरू करने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं और प्लेसमेंट सेल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा ड्रोन नीति बनाई गई है और राज्य में आधुनिक तकनीक के अनुप्रयोग के लिए छात्रों को ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आवश्यक पदों को भरकर शहरी निकायों के प्रशासन को सुदृढ़ करने और नवीनतम तकनीक की मदद से लोगों को त्वरित और प्रभावी सेवाएं देने की दक्षता में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जीआईएस मैपिंग का उपयोग संपत्ति कर के आकलन और संग्रह के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता शुल्क के निपटान और अन्य नगर परिषद सेवाओं के लिए बेंचमार्क स्थापित करने के लिए एकल सदस्य नगरपालिका सेवा नियामक समिति का गठन किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर. डी. धीमान भी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे।
.0.

About The Author

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed