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अंतरराष्ट्रीय धार्मिक व समाजसेवी संस्था आर्ट ऑफ लिविंग ने टूटीकंडी में रोपे 200 पौधे, संस्था ने सावन में विभिन्न कोर्स व पूजाएं करवाने की भी बनाई योजना

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विश्वविख्यात धार्मिक व समाज सेवा संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की शिमला इकाई ने आज अपने वृक्षारोपण कार्यक्रम के दूसरे चरण में शिमला के टूटी कंडी स्थित वन क्षेत्र में बान, देवदार, दाड़ू और कचनार सहित विभिन्न प्रजातियों के 200 वृक्ष रोपित किए। ये पौधरोपण कार्यक्रम टूटीकंडी के उसी क्षेत्र में आयोजित किया गया जहां गर्मियों के दौरान आग से भारी नुकसान हुआ था और बड़ी संख्या में वन सम्पदाबको नुकसान हुआ था | इस से पहले बीते सप्ताह भी संस्था के स्वयंसेवकों ने यहां 100 से अधिक वृक्ष लगाए थे | आर्ट ऑफ लिविंग की जिला संयोजक बिंदु ठाकुर ने बताया कि संस्था ने टूटी कंडी बाल आश्रम के साथ लगते जंगल में 1000 वृक्ष लगाने व उनके संरक्षण करने का निर्णय लिया है |

वृक्षारोपण के लिए आर्ट ऑफ लिविंग हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ प्रशिक्षक व अपेक्स मेंबर अभय शर्मा सहित कई प्रशिक्षक व स्वयसेवक उपस्थित रहे | यह कार्य संस्था के क्षेत्र समन्वयक अमित शर्मा के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ |
गौरतलब है कि आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा विश्व के 191 देशों में करोड़ों लोगों को योग, प्राणायाम, ध्यान और सुदर्शन क्रिया सिखाई जा रही है जिसके नित्य अभ्यास से लोग तनाव और रोग मुक्त जीवन का आनंद ले पा रहे हैं | आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सिखाये जाने वाले विभिन्न शिविर सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए हैं | ये अपने आप में आध्यात्मिक ज्ञान, योग, प्राणायाम, ध्यान और अनेक प्रक्रियाओं को लिये हुए है | इनमें शिमला में अनेक स्थानों पर समय समय पर हैप्पीनेस प्रोग्राम, एडवांस मैडिटेशन प्रोग्राम, सहज ध्यान शिविर, यस प्लस कोर्स, उत्कर्ष योग और श्री श्री संस्कार आदि कोर्स किए जाते रहते हैं | इसी कड़ी में शिमला के मिनोचा हाउस में भी 4 दिवसीय एडवांस कोर्स आयोजित किया गया जिसमें एडवांस कोर्स प्रशिक्षिका कमलेश चौहान और तृप्ता शर्मा ने करीब डेढ़ दर्जन लोगों को मौन में रहकर योग,प्राणायम और ध्यान सिखाया ।

इसके अलावा सावन माह में शिमला के विभिन्न स्थानों पर महा रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है जो हमारी वैदिक संस्कृति को दर्शाता है|

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