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विशेष बच्चों के अधिकार के लिए उमंग फाउंडेशन को बार-बार जाना पड़ता है कोर्ट-अबकी बार आरकेएमवी की बारी

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हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने आरकेएमवी कॉलेज एवं अन्य महाविद्यालयों में दाखिलों में दिव्यांग विद्यार्थियों को आयुसीमा में पांच वर्ष की छूट नहीं देने पर राज्य विकलांगता आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मांग की है कि विकलांगजन अधिकार कानून 2016 के प्रावधान तुरंत लागू किए जाएं। 

प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में दाखिलों की अंतिम तिथि नजदीक आ रही है। लेकिन महाविद्यालयों के एडमिशन पोर्टल 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके दिव्यांग विद्यार्थियों के फॉर्म स्वीकार नहीं कर रहे हैं। शिकायत में उन्होंने कहा कि आरकेएमवी कॉलेज की प्रधानाचार्य ने इस मामले में कार्रवाई  करने से इंकार कर दिया। 


कानून के मुताबिक 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाती है।
उन्होंने बताया की आरकेएमवी के अलावा हमीरपुर, कुल्लू, रामपुर, सुंदरनगर एवं अन्य कई कॉलेजों में दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। लेकिन उन्हें पढ़ाई के लिए पुस्तकालय में कंप्यूटरों और टॉकिंग सॉफ्टवेयर आदि की सुविधा नहीं दी गई है। यह भी कानून का उल्लंघन है। 
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट विकलांगजन अधिकार कानून 2016 के प्रावधान लागू करने के लिए 2017 में राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश जारी कर चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की गम्भीर लापरवाही से सैकड़ों दिव्यांग विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में पड़  सकता है। 

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