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कोरोना संक्रमण को रोकने और आर्थिक बोझ कम करने को लेकर युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह की सरकार को सलाह – धर्मशाला की बजाय शिमला में हो विधानसभा का शीतकालीन सत्र

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कांग्रेस के युवा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह सकारात्मक राजनीति के लिए जाने जाते हैं और अक्सर जनहित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश सरकार के साथ कई बार अपने सुर मिला चुके हैं। इस बार भी उन्होंने कोरोना संकट काल के दौरान शीतकालीन विधानसभा सत्र को धर्मशाला की बजाय शिमला में करवाने की वकालत की है। विक्रमादित्य सिंह का कहना है की कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वर्ष शीतकालीन सत्र धर्मशाला की बजाय शिमला में ही होना चाहिए उन्होंने कहा कि इससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम होगा और मंत्रियों, विधायकों ,अधिकारियों और पत्रकारों के रहने ठहरने और खानपान पर होने वाला अतिरिक्त खर्च भी नहीं होगा ।उन्होंने कहा कि शिमला में सभी विधायकों का आवास है और ऐसे में उनके ठहरने व खान पान पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा जिससे राज्य को करीब चार पांच करोड़ रुपये की बचत होगी। विक्रमादित्य सिंह ने कोरोना से निपटने में विफल रहने के आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि कोबेट काल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है और राज्य सरकार अपने खर्च पर नियंत्रण रखने में पूरी तरह विफल रही है।

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